बिलासपुर हाईकोर्ट ने CGPSC 2023 प्रारंभिक परीक्षा के नतीजों में पुनर्मूल्यांकन की मांग वाली 40 याचिकाओं को खारिज किया है। इन याचिकाओं में 40 अभ्यर्थियों ने PSC के द्वारा घोषित नतीजों को गलत ठहराते हुए पांच सवालों के संदर्भ में शिकायत की थी। मामले की सुनवाई जस्टिस सचिन सिंह राजपूत की एकल पीठ में हुई।
प्रारंभिक परीक्षा दो पालियों में की गई थी आयोजित
आपको बता दें कि CGPSC ने राज्य सिविल सेवा के पदों के लिए विज्ञापन 29 नवंबर 2023 को जारी किया था। इसके बाद 11 फरवरी 2024 को प्रारंभिक परीक्षा दो पालियों में आयोजित की गई, जिसके बाद मॉडल आंसर जारी किए गए। दावा और आपत्तियों के बाद संशोधित मॉडल आंसर जारी किए गए, जिसके बाद परिणाम घोषित हुआ।
अभ्यर्थियों के अधिवक्ता ने दिया था ये तर्क
मुख्य परीक्षा के लिए चयनित न होने के कारण 40 परीक्षार्थियों ने हाईकोर्ट (Bilaspur High Court) में याचिका दायर की थी, जिसमें कहा गया था कि कुछ प्रश्नों को हटाने के कारण उन्हें नुकसान हुआ। याचिकाकर्ताओं का तर्क था कि यदि वे प्रश्न हटाए नहीं जाते, तो वे मुख्य परीक्षा में भाग लेने के योग्य होते।
उनके अधिवक्ता ने बताया कि हटाए गए प्रश्नों के लिए अनुपातिक अंक दिए गए, लेकिन यह उन अभ्यर्थियों को दिए गए जो उस प्रश्न को हल नहीं कर सके या गलत उत्तर दिए।
अधिकारी भी परीक्षार्थी जितनी ही करते हैं मेहनत: HC
सुनवाई के बाद अदालत ने कहा कि सहानुभूति के आधार पर पुनर्मूल्यांकन के निर्देश नहीं दिए जा सकते। अदालत ने यह भी कहा कि परीक्षार्थी अपनी तैयारी में कड़ी मेहनत करते हैं, लेकिन यह ध्यान रखना चाहिए कि परीक्षा आयोजित करने वाले अधिकारी भी उतनी ही मेहनत करते हैं।