रायपुर: शराब घोटाले मामले में ईडी की जांच के घेरे में आए कवासी लखमा को 4 फरवरी तक न्यायिक रिमांड पर भेज दिया गया है। इससे पहले ईडी ने 14 दिन की कस्टोडियल रिमांड की मांग की थी, लेकिन अदालत ने उन्हें न्यायिक रिमांड पर भेजने का आदेश दिया।
ईडी ने लगाए असहयोग के आरोप –
ईडी के वकील का कहना है कि कस्टोडियल रिमांड के दौरान कवासी लखमा का रवैया असहयोगात्मक रहा। पूछताछ के दौरान उन्होंने सवालों के या तो जवाब नहीं दिए या टालमटोल करते हुए गोलमोल जवाब दिए। ईडी ने अदालत में कहा कि जरूरत पड़ने पर आगे भी कवासी लखमा से पूछताछ के लिए उन्हें जेल में या रिमांड पर लिया जा सकता है।
लखमा का बयान: बस्तर की आवाज दबाई जा रही है –
कवासी लखमा ने न्यायिक रिमांड पर जाने से पहले कहा कि उन्होंने बस्तर और अबूझमाड़ की समस्याओं को उठाया, इसलिए उन्हें फंसाया जा रहा है। लखमा ने कहा, “मैं बस्तर को छोड़ने वाला नहीं हूं। बस्तर की आवाज उठाता रहूंगा।”
ईडी की जांच और आगे की कार्रवाई –
ईडी ने अब तक की पूछताछ के दौरान कई सवालों के जवाब पाने की कोशिश की, लेकिन असहयोग के कारण मामले की जांच को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं। ईडी ने यह स्पष्ट किया है कि आगे की जांच के लिए जरूरत पड़ने पर वे फिर से कवासी लखमा को रिमांड पर ले सकते हैं।
अगली सुनवाई 4 फरवरी को –
कवासी लखमा को अब 4 फरवरी को कोर्ट में पेश किया जाएगा। तब तक ईडी और अन्य एजेंसियां मामले से जुड़े तथ्यों को मजबूत करने पर काम करेंगी।