रायपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड में प्लेसमेंट के नाम पर बड़ा खेल उजागर हुआ है,यहां प्लेसमेंट कर्मचारियों को हर माह ऐसे पद के लिए 75-75 हजार रुपये वेतन दिए जा रहे हैं जिस काम के लिए अन्य विभागों में 12 हजार दिए जाते हैं!
वहीं सीईओ की जिन पदों के लिए खुद निगम 12 से 15000 रुपए वेतन देती है उसके लिए प्लेसमेंट कंपनी को स्मार्ट सिटी लिमिटेड 78000 क्यों दे रही है?
इस सवाल पर जवाबदार कुछ कहने से बंच रहे हैं।
रायपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड 24 * 7 वाटर सप्लाई प्रोजेक्ट के लिए मेसर्स लाइम इंजीनियरिंग कंसलटेंट प्राइवेट लिमिटेड भोपाल के जरिए ये भर्ती किया गया है पहले मामला डाटा एंट्री ऑपरेटर से जुड़ा हुआ है जिन्हें 78057 रुपए वेतन दिया जा रहा है पर कर्मचारियों का कहना है कि उन्हें कलेक्टर दर ही दिया जा रहा है, जबकि उन्हें 78000 वेतन की जानकारी ही नहीं है।
सरकार में किस तरह से काम चल रहा है यह उसकी एक बानगी है, एक प्लेसमेंट कम्पनी जो भोपाल की है के माध्यम से कर्मचारी कलेक्टर दर पर रखा गया और वेतन 78 हजार दिखाया जा रहा है, जिसकी जानकारी कर्मचारियों को ही नही है तो फिर यह खेल बड़े स्तर पर होने की आशंका है, ऐसे में छत्तीसगढ़ में काम कर रहे सभी प्लेसमेंट कम्पनियों की जांच कराने की जरूरत है जिन्हें आम छत्तीसगढ़िया नौजवानों के खून चूसने के लिए प्लेसमेंट का ठेका दिया गया है?
यह तो सिर्फ एक विभाग की पोल है जांच कराए जाने पर इन प्लेसमेंट कम्पनियों के आड़ में चल रहे बड़े गोलमाल का खुलासा हो सकता है।
बताते चलें कि वर्तमान में सरकार के सारे विभाग प्लेसमेंट एजेंसियों के भरोसे है और छत्तीसगढ़ के नौजवान सरकारी नौकरी के लिए तरस रहे हैं।