प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एक बयान ने अधिकारियों और कर्मचारियों के बीच खलबली मचा दी है। दरअसल, मोदी सरकार अपने तीसरे कार्यकाल में भ्रष्ट और आलसी अधिकारी-कर्मचारियों को जबरदस्ती रिटायर करने की तैयारी कर रही है।
पीएम मोदी का निर्देश
पीएम नरेंद्र मोदी ने मंत्रियों और सचिवों को निर्देश दिए हैं कि वे मंत्रालयों के कामकाज में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए मिशन मोड में काम करें। भ्रष्टाचार के खिलाफ अभियान तेज किया जाए। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि ईमानदार और काम करने वाली सरकार को चुनावों में जनता पुरस्कृत करती है।
पीएम ने हरियाणा और जम्मू-कश्मीर में बीजेपी की चुनावी सफलता का हवाला देते हुए कहा कि वहां जन शिकायतों के त्वरित समाधान और बेहतर शासन पर जोर दिया गया था।
सूत्रों के मुताबिक मोदी ने बैठक में अधिकारियों और मंत्रियों से कहा है कि ऐसे अधिकारी और कर्मचारी जिनकी पहचान भ्रष्ट या आलसी के रूप में है, उन्हें सेवा से हटा दिया जाना चाहिए। आपको बता दें कि पिछले 10 सालों से PMO को लोगों की शिकायत सहित 4.5 करोड़ पत्र मिले हैं। वहीं मनमोहन सिंह के कार्यकाल में आखिरी 5 सालों में ऐसे सिर्फ 5 लाख लेटर मिले थे।
‘एक डेस्क से दूसरी डेस्क पर ना धकेली जाएं फाइल’
सूत्रों ने बताया कि पीएम मोदी ने कहा कि अधिकारी और मंत्री ये सुनिश्चित करें कि फाइलें एक डेस्क से दूसरे डेस्क पर न धकेली जाएं, बल्कि उनका तुरंत समाधान किया जाए। पीएम मोदी ने अधिकारियों से हफ्ते में एक दिन शिकायतों के समाधान और राज्य मंत्रियों की प्रगति की निगरानी करने के लिए भी कहा। पीएम ने कहा कि मंत्रालयों में कार्यरत अधिकारियों और कर्मचारियों को लोगों का जीवन आसान बनाने के लिए काम करना चाहिए। शिकायतों पर तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए।