छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से लगे हुए गांव कस्बों में भूमाफियाओं की मनमानी और गुंडागर्दी से त्रस्त ग्रामीणों ने मोर्चा खोला है और इसी परिपेक्ष में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से मिलकर एक ज्ञापन भी दिया है।
राजधानी रायपुर से लगे अमलीडीह भाटागांव सहित कई छोटे-छोटे इलाकों में भू माफियाओं ने ग्रामीणों को हलकान कर दिया है सरकारी जमीनों को कुट रचना कब्जा, गांव के गरीब लोगों की जमीन हथियाना, चारागाह की जमीन पर कब्जा, शमशान की जमीन पर कब्जा जैसे कई मामले अब तक उजागर हो चुके हैं भाटागांव में चारागाह की कीमती जमीन पर रसूखदारों ने बड़े नेता मंत्रियों और अधिकारियों के सह पर कूट रचना कर बड़ा खेल खेला है, इस मामले पर रायपुर दक्षिण उप चुनाव के समय ग्रामीणों ने चुनाव बहिष्कार की घोषणा भी की थी और भाजपा कांग्रेस के प्रत्याशियों को गांव में चुनाव प्रचार करने की मनाही भी करी थी।
छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना और जोहार छत्तीसगढ़ पार्टी के अमित बघेल द्वारा भी कई बार इन गांव में बैठकर ली गई है और लगातार जमीन भू माफियाओं से छुड़वाने की कोशिश जारी है, बताया जा रहा है कि भाजपा और कांग्रेस के ही रसूखदार बाहरी लोग छत्तीसगढ़ के शहरी इलाकों में भू माफिया राज फैलाए बैठे हैं!
बिलासपुर कोरबा में शमशान भूमि पर कब्जे की भी बात अभी कुछ दिन पहले सामने आई थी जिसे लेकर गैर राजनीतिक संगठन छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना ने मोर्चा भी खोला था, अब देखना होगा की सरकार इस पर क्या कदम उठाती है।
अमलीडीह और भाटागांव के लोगों के साथ क्षेत्रीय विधायक मुख्यमंत्री से मिले और इस मामले में ज्ञापन देकर कार्रवाई की मांग की गई है।