जांजगीर-चांपा में स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम विद्यालय सरकार की महत्वाकांक्षी योजना के तहत संचालित होता है, जिसमें बच्चों को निशुल्क शिक्षा दी जाती है। इसके बावजूद पामगढ़ के इस स्कूल में प्राचार्या एन.जे. एक्का ने शासन के आदेशों की अवहेलना करते हुए छात्रों के प्रवेश के नाम पर 15,000 से 20,000 रुपये तक की वसूली की।
अभिभावकों की शिकायत पर खुला मामला
कुछ समय पहले कई अभिभावकों ने प्राचार्या एन.जे. एक्का के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। उनका आरोप था कि प्रवेश के अलावा टाई-बेल्ट जैसी जरूरी चीजों के नाम पर भी हर छात्र से 300 रुपये लिए गए। यह बात सामने आते ही शिक्षा विभाग ने मामले को गंभीरता से लिया।
जांच में सही पाए गए आरोप
शिकायतों की पुष्टि के लिए विभाग ने एक सदस्यीय जांच समिति बनाई। इस समिति ने स्कूल पहुंचकर दस्तावेज खंगाले और अभिभावकों से बात की। जांच में यह स्पष्ट हो गया कि आरोप सही हैं। रिपोर्ट में साफ कहा गया कि यह स्कूल सरकारी योजना का हिस्सा है, जिसमें किसी भी प्रकार की फीस वसूली पूरी तरह से गलत है।
तत्काल प्रभाव से निलंबन और अटैचमेंट
जांच रिपोर्ट शिक्षा विभाग के अवर सचिव के पास पहुंची, जिसके बाद उन्होंने प्राचार्या एन.जे. एक्का को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने के आदेश जारी कर दिए। इसके साथ ही उनकी प्रतिनियुक्ति समाप्त कर उन्हें जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय जांजगीर-चांपा में अटैच कर दिया गया है।
शिक्षा विभाग का साफ संदेश
शिक्षा विभाग ने यह सख्त संदेश दिया है कि स्वामी आत्मानंद स्कूल जैसे सरकारी स्कूलों में पारदर्शिता और निःशुल्क शिक्षा का पालन अनिवार्य है। जो भी अधिकारी या कर्मचारी इसमें अनियमितता करेगा, उस पर कठोर कार्रवाई होगी।
अभिभावकों में संतोष
इस कार्रवाई के बाद अभिभावकों में संतोष का माहौल है। उनका कहना है कि शासन ने सही समय पर सही कदम उठाया, जिससे दूसरे स्कूल प्राचार्यों और स्टाफ को भी साफ संदेश गया कि बच्चों के अधिकारों से कोई खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं होगा।