छत्तीसगढ़ के 184 नगरीय निकायों के कर्मचारी 11 दिसंबर 2024 से अपनी 6 सूत्रीय मांगों को लेकर नवयुक्त अधिकारी-कर्मचारी कल्याण संघ के बैनर तले अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने वाले हैं।
कर्मचारियों की मांगें इस प्रकार हैं:
1. लंबित वेतन का भुगतान सुनिश्चित किया जाए और 1 तारीख को ट्रेजरी के माध्यम से वेतन दिया जाए।
2. नगरीय निकायों में ठेका पद्धति को समाप्त किया जाए।
3. ओल्ड पेंशन योजना को शीघ्र लागू किया जाए।
4. मृतक कर्मचारियों के परिवार को अनुकंपा नियुक्ति दी जाए।
5. 12 साल की सेवा पूरी करने वाले कर्मचारियों को शीघ्र पदोन्नति दी जाए।
6. छठे और सातवें वेतनमान की एरियर राशि का भुगतान तुरंत किया जाए।
कर्मचारियों की मुख्य मांगों में ट्रेजरी के माध्यम से वेतन भुगतान, ओल्ड पेंशन योजना की पुनः बहाली, अनुकंपा नियुक्ति, पदोन्नति, छठे और सातवें वेतनमान की एरियर राशि का भुगतान और ठेका पद्धति का समाप्ति शामिल हैं।
बिलासपुर में की गई थी हड़ताल
संघ के अध्यक्ष ने जानकारी दी कि 12 से 14 नवंबर 2024 तक बिलासपुर में इन छह मांगों को लेकर हड़ताल की गई थी, लेकिन सरकार की तरफ से कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं।
नवयुक्त अधिकारी कर्मचारी कल्याण संघ के प्रदेश अध्यक्ष राजेश सोनी ने बताया कि इस मामले पर शासन कोई वास्तविक पहल नहीं कर रहा है, सिर्फ आश्वासन दिया जा रहा है।
नगरी निकाय चुनाव में नहीं करेंगे मतदान
इसके बाद कर्मचारियों ने निर्णय लिया है कि वे आगामी नगरी निकाय चुनाव में मतदान नहीं करेंगे। इस संदर्भ में कर्मचारियों से एक प्रपत्र भरवाकर जिला कलेक्टर बिलासपुर और विभागीय मंत्री को पत्र भेजा गया है।
प्रदेश अध्यक्ष ने आगे बताया कि वर्तमान में छत्तीसगढ़ के कई नगरीय निकायों में कर्मचारियों को 1 से 3 महीने का वेतन बकाया है। विभागीय मंत्री अरुण साव ने नगरी निकाय अधिकारियों को निर्देश दिए थे कि कर्मचारियों का वेतन हर माह की 1 तारीख को ट्रेजरी के माध्यम से भुगतान किया जाए।
सरकार पर मांगों को अनदेखा करने का आरोप
उन्होंने इस संबंध में आदेश भी जारी किए गए थे। लेकिन इसके बावजूद निकायों के अधिकारी आदेश का पालन नहीं कर रहे हैं, जिससे कर्मचारियों में असंतोष बढ़ रहा है।
इसलिए, सरकार द्वारा उनकी मांगों को अनदेखा करने के कारण 11 दिसंबर 2024 से 184 नगरीय निकायों के कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया है।