धमतरी: पुलिस को मिली खोपड़ी तो ,7 साल पुराने मर्डर की परतें खुली…पढ़िए रहस्यमय हत्याकांड की कहानी!

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छत्तीसगढ़ के धमतरी में एक हैवान पिता ने अपने ही जवान बेटे को मारकर सेप्टिक टैंक में फेंक दिया। दिल को झकझोर देने वाली इस घटना का खुलासा 7 साल बाद हुआ है। जानकार हैरानी होगी कि पिता ने ही अपने 23 साल के बेटे को मौत की नींद सुलाने के बाद उसकी लाश को सेप्टिक टैंक में फेंक दिया। और फिर सुकुन की जिंदगी जी रहा था। 17 मई को पुलिस को नर कंकाल मिला तो मामले की गंभीरता को देखते हुए तुरंत ही जांच पड़ताल कर सौतेले पिता की करतूत का खुलासा कर दिया।


पुलिस ने दो दिन में ​किया खुलासा
धमतरी जिले के भोयना के सेप्टिक टैंक में मिले मानव कंकाल के आरोपी तक पुलिस 2 दिन में ही पहुंच गई। 23 साल के बेटे की पिता ने ही हत्या कर सेप्टिक टैंक में फेंककर खंबे से बांध दिया था। दरअसल 17 मई को भोयना स्थित कार्टून (पुट्ठा) गोदाम के सेप्टिक टैंक में मानव खोपड़ी दिखी। पुलिस ने खुदाई की तो आसपास 16 टुकड़ों में मानव कंकाल मिला।
पिता से की पूछताछ तो खुला राज
एसपी के निर्देश पुलिस ने जांच शुरू की। जांच में 7 साल पुराना हत्या का राज सामने आया। मंगलवार को एसपी सूरज सिंह परिहार ने इस मामले का खुलासा किया। एसपी ने बताया कि मृतक की पहचान गांव के नंदू सोनी(23) के रूप में हुई। आखिरी बार नंदू के साथ उसके सौतेले पिता राममिलन गोड (62)को देखा गया था। पिता सबसे पहले शक के घेरे में आया। पुलिस ने हिरासत में लेकर पूछताछ की तो 7 साल पुराने हत्या का खुलासा हुआ।

भोजन की बात पर हुआ विवाद और…
आरोपी पिता ने पुलिस को बताया कि 7 साल पहले क्वार नवरात्र में वह घर मे अकेले था।पत्नी,बेटी पड़ोस घर मे थे। रात 10-11 बजे सौतेला बेटा नंदू सोनी घर पहुचा। भोजन की बात को लेकर दोनों में विवाद हो गया। दोनों के बीच झगड़ा भी हुआ। इस दौरान राममिलन ने अपने बेटे का गला पकड़कर दीवार पर ठोक दिया और उसकी मौत हो गई। सुबह 4 बजे लाश को अकेले घसीटते हुए घर से कार्टून(पुट्ठा) गोदाम में ले गया।
यहाँ के सेप्टिक टैंक में शव को नायलोन की रस्सी को सीमेंट पोल में बांधकर फेंक दिया। किसी को शक न हो इसलिए सामान्य दिनों की तरह बर्ताव करने लगा। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर भेज दिया है।
परिवार वालों को इसलिए नहीं हुआ शक
नंदू सोनी ज्यादातर घर से बाहर रहता था। किसी के भी साथ कही भी निकल जाता था। कई दिनों तक घर भी नहीं आता था। सौतेले पिता से उसकी नहीं बनती थी। घटना के दिन भी नंदू कई दिनों बाद पहुचा था। भोजन को लेकर विवाद हुआ और पिता ने हत्या कर दी। हत्या से पिता अनजान बना रहा और अपने काम धाम में जुट गया। घर वाले भी सोचे कि नंदू फिर कही बाहर चला गया होगा। यही सोच के चलते नंदू परिवार और गांव वालों की नजर में जीवित ही रहा।

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