छत्तीसगढ़ के सूरजपुर जिले में हाथियों का आतंक, पंडो जनजाति के 2 बच्चों को कुचलकर मार डाला।
शनिवार रात करीब 1 बजे हाथियों का दल पंडो जनजाति के झोपड़ी में घुसा, जिसमें 2 बच्चों की मौत हो गई।
पति-पत्नी और 3 बच्चों ने किसी तरह भागकर अपनी जान बचाई। मामला सूरजपुर वनमंडल के चितखई गांव का है, जहां 11 हाथियों के दल ने झोपड़ी को तहस-नहस कर दिया है। पिछले कई दिनों से हाथियों का दल प्रेमनगर के बिरंचीबाबा जंगल में डटा हुआ है, जिससे लोगों में दहशत का माहौल है।
घटना के बाद से गांव में दहशत का माहौल
11 हाथियों के दल ने झोपड़ी को तहस-नहस कर दिया
मृतक बच्चों में बिसू पंडो (11) और काजल (5) शामिल हैं, जिनकी मौत हाथियों के हमले से हुई है। इस घटना के बाद से गांव में दहशत का माहौल है, और लोगों में हाथियों के हमले को लेकर डर का माहौल है।
बिखू पंडो ने बताया कि वह अपनी पत्नी और 5 बच्चों के साथ जंगल में झोपड़ी में सो रहा था। तभी हाथियों का दल आया और झोपड़ी को तोड़-फोड़ करने लगा। बिसू पंडो और काजल गहरी नींद में थे, इसलिए उन्हें भागने में देरी हो गई। हाथियों ने उन्हें सूंड से उठाकर पटका और कुचल दिया।
झोपड़ी में रखे अनाज को भी खा गए हाथी
बिखू पंडो ने बताया कि पत्नी और तीन बच्चे जंगल से निकलकर गांव की ओर भागे। किसी तरह गांव पहुंचकर रात गुजारी। सुबह ग्रामीणों के साथ मौके पर पहुंचे, जहां झोपड़ी में बच्चों की लाश देखने को मिली। हाथियों ने झोपड़ी में रखे अनाज को भी खा लिया। इस घटना के बाद से गांव में दहशत का माहौल है, और लोगों में हाथियों के हमले को लेकर डर का माहौल है।
बच्चों के शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा
घटना की जानकारी मिलने के बाद ग्रामीणों ने वन विभाग को सूचित किया। जैसे ही सूचना मिली, सूरजपुर के डीएफओ आरआर पैकरा, फॉरेस्ट एसडीओ अनिल सिंह, प्रेमनगर रेंजर रामचंद्र प्रजापति और अन्य वन अधिकारी घटनास्थल पर पहुंचे। दोनों बच्चों के शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है।
इस बीच, स्थानीय ग्रामीणों ने वन विभाग पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि उदयपुर क्षेत्र से प्रेमनगर वनक्षेत्र में हाथियों का एक दल पहुंच चुका था, लेकिन वन विभाग ने इस संबंध में गांववासियों को कोई चेतावनी नहीं दी। इसके अलावा, हाथियों की निगरानी करने वाले दल ने पंडो परिवार को भी इस बारे में कोई सूचना नहीं दी, जिसके कारण यह दुखद घटना हुई।