छत्तीसगढ़: मुख्यमंत्री शिक्षा गुणवत्ता अभियान क्या है? पढ़िए

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छत्तीसगढ़ की साय सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में एक बड़ा कदम उठाया है- मुख्यमंत्री शिक्षा गुणवत्ता अभियान अब पूरे प्रदेश में तहसील व जिला स्तर तक लागू किया जाएगा। स्कूल शिक्षा सचिव द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार, सभी कलेक्टर्स को इस योजना के सुचारू क्रियान्वयन के लिए तैयारियां सुनिश्चित करने को कहा गया है।

स्कूलों का समुदाय आधारित मूल्यांकन
पहले चरण में राज्य के हर सरकारी स्कूल में सामाजिक अंकेक्षण किया जाएगा, जिसमें समुदाय, अभिभावक व शिक्षकों की भागीदारी के साथ बच्चों के शैक्षणिक स्तर व विद्यालय की ग्रेडिंग की जाएगी। इससे स्थानीय संदर्भ देख कर सुधार की दिशा स्पष्ट होगी।
मान‑प्रतिनिधि और अधिकारियों को जिम्मेदारी
अगले चरण में प्रत्येक जिले में जनप्रतिनिधियों व विभिन्न विभागों के अधिकारियों को दो-दो स्कूलों में मॉनिटर के रूप में नियुक्त किया जाएगा। इन्हें समय-समय पर स्कूलों की प्रगति पर निगरानी रखनी होगी, जिससे एक लीड मॉडल तैयार हो सके।

भाषाई तथा गणितीय कौशल पर ध्यान
शाला निरीक्षण के दौरान विशेष रूप से बच्चों की स्थानीय भाषा व गणितीय कौशल पर ध्यान दिया जाएगा। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (NEP 2020) की प्राथमिकताओं को ध्यान में रखा जाएगा, जिससे मूलभूत सीखने क्षमता में सुधार आए।

जिला आधारित रैंकिंग और उत्कृष्ट स्कूल मॉडल
मुख्यमंत्री शिक्षा गुणवत्ता अभियान के तहत अब जिलावार रैंकिंग लागू होगी। इसके साथ ही, प्रत्येक विद्यालय को उत्कृष्ट स्कूल बनाने के लिए मार्गदर्शन व सतत सहयोग प्रदान किया जाएगा ताकि शिक्षा की गुणवत्ता में स्तरगत सुधार हो।

मेंटरशिप नेटवर्क और संसाधन उपयोग का प्रभाव
चुनिंदा स्कूलों में कॉलेज एवं अन्य विभागों से मेंटर नियुक्त किए जाएंगे, ताकि अकादमिक समर्थन सुनिश्चित हो। साथ ही, स्कूलों में उपलब्ध संसाधनों का प्रभावी व नियोजित उपयोग, समय पर शिक्षक-छात्र उपस्थिति, और शिक्षक‑वर्ग को गैर‑शिक्षकीय कार्यों से मुक्ति देने पर जोर दिया जाएगा।

संरचित हाई-सेकेंडरी स्कूल मॉडल
राज्य के सभी हाईयर सेकेंडरी स्कूलों को शाला संकुल में विकसित किया जा रहा है, जो अन्य स्कूलों का मेंटरिंग का कार्य करेंगे। इससे योजनाओं का समयबद्ध क्रियान्वयन सुनिश्चित होगा और अफसरों का मार्गदर्शन स्थायी व्यवस्था में बदल पाएगा।
राजनीतिक संदेश: शिक्षा में गुणवत्ता पर फोकस
इस पहल से स्पष्ट होता है कि साय सरकार शिक्षा को प्राथमिकता दे रही है और सरकारी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए सामुदायिक भागीदारी, अकादमिक मेंटरशिप, और प्रशासनिक मूडल्स का प्रयोग कर रही है।

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