लंदन से आया मेरा दोस्त… दोस्त को सलाम करो !
जी हां सलाम तो बनता है लंदन वाले दोस्त को क्योंकि जहां एक ओर छत्तीसगढ़ में छत्तीसगढ़ के ही लोग रास गरबा की धुन में गस खाए हुए हैं वहीं दूसरी ओर छत्तीसगढ़ का एक बेटा जो लंदन में बस चुका है, उसे छत्तीसगढ़ की संस्कृति और मिट्टी खींच लाई है!
मैं बात कर रहा हूं लंदन वाले दोस्त भूपेंद्र कौशिक की जो आजकल राजधानी रायपुर के डीडी नगर में सांस्कृतिक परिपालन समिति के साथ मिलकर माता जस तिहार का आयोजन किए हुए हैं, जिसमें छत्तीसगढ़ की बेटियां, माताएं बहने अपने परिवार के साथ मिलकर छत्तीसगढ़ के पारंपरिक गीतों पर सुआ करमा नाच रही हैं।
दरअसल रायपुर के डीडी नगर में सामाजिक कार्यकर्ता रिचा वर्मा की सांस्कृतिक परिपालन समिति द्वारा भव्य सुआ नाच का आयोजन किया गया है जिसमें लंदन वाले दोस्त भूपेंद्र कौशिक भी अपने परिवार के साथ पहुंचे हुए हैं और लगातार प्रदेश की भाषा संस्कृति और प्रतिमानों को अक्षुण रखने का संदेश दे रहे हैं।
सांस्कृतिक परिपालन समिति की रिचा वर्मा ने बताया की सोशल मीडिया के माध्यम से लंदन वाले दोस्त भूपेंद्र कौशिक लगातार उनकी संस्था के कामों को देख रहे थे और क्योंकि छत्तीसगढ़ के प्रति उनका लगाव छत्तीसगढ़िया होने के नाते स्वाभाविक है, ऐसे में इस दशहरा एक बड़े आयोजन के साथ लंदन वाले दोस्त को पारंपरिक तिहार में शामिल होने का नेवता दिया गया था।
लंदन में बसे भूपेंद्र कौशिक ने बताया की उन्हें अपनी मिट्टी की, अपने प्रदेशवासियों और यहां की सांस्कृतिक धरोहर के प्रति उनका लगाव उन्हें यहां खींच लाती है।
उन्होंने बताया कि वे लगातार सोशल मीडिया के माध्यम से अपने मयारू प्रदेश छत्तीसगढ़ की संस्कृति से जुड़े रहते हैं और जब भी मौका मिलता है वे अपने हिस्से का कर्त्तव्य निभाने पहुंच जाते हैं।
इस बार उन्होंने अपने स्वर्गीय पिता नारायण प्रसाद कौशिक जी की स्मृति में सांस्कृतिक परिपालन समिति के साथ मिलकर माता जस गीत तिहार का जोरदार पारम्परिक आयोजन किया है, जहां हर शाम पारम्परिक सवांगा में लोग सुआ, करमा, पंथी, राउत नाचा, बस्तरिहा, सरगुजिहा नृत्य में शामिल हो रहे हैं।
आज जहां युवा अपनी संस्कृति से विमुख हो रहे हैं ऐसे में लंदन वाले दोस्त का यह उदिम प्रेरणा देने वाला है।
प्रदेशवाद