खरोरा तहसील के केसला ग्राम पंचायत की स्कूली मालिकाना वाली जमीन पर अवैध कब्जे को तोड़ने के लिए प्रशासन ने 35 लोगों को नोटिस जारी कर जल्द से जल्द खाली करने आदेश दिया।
इस मामले में 30 अगस्त को प्रभावितों के साथ JCP के प्रदेशाध्यक्ष अमित बघेल ने SDM से भेंट की थी, प्रदेशवाद ने आज जमीनी पड़ताल कर जाना की आखिर मामला क्या है दरअसल जिस जमीन पर अवैध कब्जा कर मकान दुकान बनाया गया है वह स्कूल की जमीन है जो 1981 से आवंटित है उक्त जमीन पर कई लोगों ने कब्जा कर दुकान मकान तान दिए हैं और किराए पर चढ़ा रखा है ज्ञातव्य यह मामला न्यायालय में चल भी रहा था जिस पर बेदखली का आदेश जारी किया गया है।
जीतने रहवासियों को नोटिस मिला है उनमें से कई लोगों का कहना है कि उन्होंने यह जमीन जो की सरकारी है की खरीदी पूर्व पंचायत प्रतिनिधियों से की है जो जांच का विषय है की आखिर सरकारी जमीन जो स्कूल की संपत्ति है को किसने बेची और लेने वाले ने सवाल क्यों नही किया।
कुछ लोगों का ये भी मानना है की उन्होंने बेजा कब्जा किया है सबका टूटेगा तो उनका भी टूटे उन्हें आपत्ति नहीं पर सवाल यहां यह भी है कि पूरा का पूरा केसला का नया बसाहट सरकारी ज़मीन पर बना है लेकिन जिस जमीन से बेदखली नोटिस जारी किया गया है वह स्कूल की संपत्ति है ऐसे में लोगों ने यह भी सवाल किए की आखिर उन 35 लोगों पर ही कार्रवाई क्यों टूटे तो सभी का जिन्होंने सरकारी जमीनों पर कब्जा किया है।
दूसरी ओर ग्राम सरपंच और स्कूल प्रबंधन का कहना है कि जिस जमीन पर बेजा निर्माण किया गया है वह स्कूल की संपत्ति है और इसे संरक्षित करने स्कूल प्रबंधन और ग्राम सभा द्वारा यह प्रस्ताव लाया गया है।
अब दूसरी ओर प्रभावितों ने लंबे अरसे से होने का तर्क दिया है जिस पर जमीनी पड़ताल में लगभग दुकानदार किराए पर है और रसूखदार मालिक सरकारी जमीन पर मकान दुकान बना कर पैसा कमा रहें हैं।
ग्राम सरपंच ने कई बड़े लोगों के नाम भी लिए हैं और उनके अन्यत्र संपत्तियों पर चर्चा भी की है।
शहरीकरण के प्रभाव में जहां हाइवे की जमीनों का वैल्यू बढ़ रहा है वही सरकारी जमीनों पर कब्जे की होड़ भी जारी है।
अब देखना होगा स्कूल की जमीन खाली करा पाने में प्रशासन सफल हो पाता है की नही क्योंकि राजनीति हर मामलों में भारी पड़ती है।